जघन्य एवं सनसनी खेज प्रकरण में अहम फैसला
बहन का सुहाग उजाड़ने वाले हत्यारे को न्यायालय ने दी आजीवन कारावास की सजा
उज्जैन/ माननीय एस.के.पी. कुलकर्णी, जिला एवं सत्र न्यायाधीश महोदय, जिला उज्जैन के न्यायालय द्वारा आरोपी रामचंद्र पिता अंबाराम, उम्र-30 वर्ष, निवासी ग्राम राघोपिपलिया, जिला उज्जैन को धारा 302 भादवि में आजीवन कारावास एवं धारा 323 भादवि में सश्रम कारावास कुल 1500/-रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। उप-संचालक अभियोजन डॉ0 साकेत व्यास ने अभियोजन घटना अनुसार बताया कि घटना 27.08.2018 को फरियादी मानसिंह पिता अम्बाराम ने थाना नानाखेडा पर उपस्थित होकर प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध कराई कि मैं ग्राम राघोपिपलिया में रहता हूं तथा मजदूरी का काम करता हूं। घटना दिनांक 26.08.2018 को रात्रि करीब 08ः30 बजे की बात है मैं व मेरा छोटा भाई आरोपी रामचंद्र अपने घर पर थे। मेरी पत्नी व मां त्यौहार करने गई हुईं थी तो मैने छोटे भाई आरोपी रामचंद्र से बोला कि तेरी इच्छा है तो खाना बना ले मुझे नही खाना है। इतने में आरोपी रामचंद्र मुझे मां-बहन की गाली देने लगा और बोला कि मेरा दिमाग क्यों खराब करता है, तो मैंने आरोपी को गाली देने से मना किया तो आरोपी घर में से लोहे की सब्बल निकालकर लाया और मेरे दाहिने पैर के घुटने में मारी तो मैं चिल्लाते हुये बाहर आ गया फिर आरोपी रामचंद्र ने बाये कंधे पर सब्बल की मार दी जिससे मैं वहीं पर गिर गया। चिल्लाचोंट की आवाज को सुनकर मेरे जीजा शंकरलाल व बहन और भांजी घर के बाहर आ गये, जीजा बीच-बचाव करने आये तो आरोपी ने सब्बल की जीजा शंकरलाल के सिर में मार दी जिससे उसको सिर में खून निकल आया और वह जमीन पर गिर गया। चिल्ला चोट की आवाज सुनकर मोहल्ले के लोग आ गये तो इनको देखकर आरोपी रामचंद्र वहां से भाग गया। मोहल्ले वालों ने 100 डायल पर कॉल लगाया। पुलिस द्वारा मेरे जीजा को अस्पताल लेकर गये जहां डॉक्टरों ने जीजा को मृत्य घोषित कर दिया। फरियादी की रिपोर्ट पर पुलिस थाना नानाखेडा द्वारा आरोपी के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर आवश्यक अनुसंधान पश्चात अभियोग पत्र माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
प्रकरण की प्रकृति, जघन्य एवं सनसनीखेज होने से उसकी समीक्षा माननीय संचालक महोदय अभियोजन श्री पुरूषोत्तम शर्मा द्वारा की जा रही थी एवं समय-समय पर पैरवीकर्ता को न्योचित एवं विधिक मार्गदर्शन प्रदान किया गया जा रहा था। न्यायालय द्वारा अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी को दण्डित किया गया।
प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी श्री राजकुमार नेमा, डी.पी.ओ. एवं श्री ईश्वर सिंह केलकर, अति. डी.पी.ओ, जिला उज्जैन द्वारा की गई।