दुर्ग। नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 138 की उपधारा (3) उपधारा (2) के अधीन एवं छ.ग. नगर पालिका नियम 1997 के नियम 11 में उल्लेखित प्रावधानों के तहत जेपी सीमेंट की स्व-विवरणी असत्य पाये जाने पर एवं वास्तविक देय राशि कम जमा किये जाने के कारण निगम द्वारा पुर्नगणना की गई. जिसमें सम्पत्तिकर के देय राशि में 69 लाख 1330 रूपये का अंतर प्राप्त हुआ. इस अंतर की राशि का 5 गुना शास्ति निर्धारित करने के पश्चात 3 करोड़ 45 लाख 6650 रूपये की शास्ति जेपी सीमेंट को अधिरोपित की गई है।उल्लेखनीय हैं कि जेपी सीमेंट द्वारा वर्ष 2016 से 2019 के लिए प्रस्तुत की गई स्व-विवरणी असत्य एवं अपूर्ण पाई गई है। निगम द्वारा जब जेपी सीमेंट से संबंधित भवनों-भूमियों के उपलब्ध विवरणों के आधार पर परीक्षण किया गया तो यह पाया गया कि निर्धारित सम्पत्ति कर व्यावसायिक जोन के अनुसार गणना ही नहीं की गई है तथा वास्तविक देय कर से कम की राशि जमा की गई है जिसकी अंतर की राशि 10 प्रतिशत से अत्यधिक है।नगर पालिक निगम भिलाई के आयुक्त ऋतुराज रघुवंशी ने जेपी सीमेंट द्वारा सम्पत्ति कर की वास्तविक स्व-विवरणी एवं देय राशि जमा नहीं करने पर नोटिस जारी किया है। जेपी सीमेंट को दिए गए नोटिस में लेख किया गया है कि देय अंतर की राशि व अधिरोपित राशि नोटिस प्राप्ति के 30 दिवस के भीतर निगम कोष में जमा कर रसीद प्रस्तुत करें अन्यथा निर्धारित अवधि के भीतर देय अंतर की राशि व अधिरोपित राशि का भुगतान नहीं किये जाने पर नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 में उल्लेखित प्रावधानों के अनुसार एकतरफा वसूली की कार्यवाही होगी।
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