कलश ( घट ) स्थापना का विशेष मुहूर्त
सर्वकार्य सिद्धीदायक अभिजित् मुहूर्त
सुबह 11 बजकर 48 मिनट से दोपहर 12 बजकर 36 मिनट तक
पंचांग के अनुसार 29 सितंबर 2019 को यानी नवरात्रि के पहले दिन रात 10.11 मिनट तक प्रतिपदा है। जिस कारण कलश स्थापना दिन के किसी भी समय लाभ/शुभ के चोघड़िया मुहूर्त में कर सकते हैं
प्रथम दिवस
मॉं शैलपुत्री
मां दुर्गा के नौ रुपों में पहला रुप है शैलपुत्री का। नवरात्र के पहले दिन घट स्थापना के साथ देवी के इसी रुप की पूजा की जाती है । मां का यह रुप सौम्य और भक्तों को प्रसन्नता देने वाला है। ऐसी मान्यता है कि देवी पार्वती पूर्व जन्म में दक्ष प्रजापति की पुत्री सती थी। दक्ष के यज्ञ कुंड में जलकर देवी सती ने जब अपने प्राण त्याग दिए तब महादेव से पुनः मिलन के लिए इन्होंने पर्वतराज हिमालय की पुत्री के रुप में जन्म लिया। पर्वतराज हिमालय की पुत्री होने के कारण यह हैमवती और उमा नाम से जानी जाती हैं। पर्वत को शैल भी कहा जाता है इसलिए माता का प्रथम रुप शैलपुत्री के नाम से जाना जाता है।
विशेष जानकारी एवं अनुष्ठान आदि लिए संपर्क करें -
आचार्य राघवकीर्ति गणेश
9755910000
( प्रतिदिन रात्रि 9 बजे से रात्रि 10 बजे के बीच ही बात हो पाएगी )